[500 शब्द] Essay on Patriotism in Hindi -स्वदेश प्रेम निबंध

Table of Content

  1. Essay on Patriotism in Hindi
  2. स्वदेश प्रेम से संबंधित सवाल – जवाब

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Patriotism par nibandh

स्वदेश प्रेम पर निबंध – Patriotism ka nibandh

प्रस्तावना

सारे संसार के लोगों में स्वदेश प्रेम का बहुत महत्त्व होता है। हम भारतवासियों में तो इसका महत्त्व कुछ और ही अधिक हैं। हमारे देश में तो माता और जन्मभूमि की महिमा को स्वर्ग से भी बढ़कर बताया गया है। जिस देश में हम जन्म लेते हैं, जिस देश की मिट्टी में पलकर बड़े होते हैं, जिस देश का हम अन खाते हैं, जिस देश का हम पानी पीते हैं और जिस देश का हम नमक खाते हैं उसका ऋण हम जिंदगी भर नहीं चुका सकते हैं। इसलिए हमें अपने देश के प्रति देशभक्ति की भावना होनी चाहिए.


स्वदेश प्रेम की भावना

स्वदेश प्रेम की भावना हम सभी के अंदर होना आवश्यक है। क्योंकि बिना स्वदेश प्रेम के कोई भी देश तरक्की नहीं कर सकता। तरक्की तो दूर की बात देश की सुरक्षा भी खतरे में आ जाती है। जब कोई व्यक्ति के अंदर अपने देश के प्रति भक्ति भावना नहीं होगी तो वह देश के खिलाफ भी जा सकता है और ऐसा करना देश की सुरक्षा के साथ समझौता करना होता है।


लेकिन जब कोई व्यक्ति देश का नमक खाता है, यहां का अन्न खाता है तो उसके अंदर देशभक्ति की भावना आ ही जाती है। महात्मा गांधी जी ने भी अनेकों कष्ट सहे पर वह अपने स्वदेश प्रेम पर टिके रहे पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी इसी भावना से ओतप्रोत होकर अपने राजस्व को त्याग दिया था और उन्होंने स्वदेशी को अपनाया था।


इनके अलावा अन्य अनेकों महापुरुषों ने इसी स्वदेश प्रेम के लिए अपने-अपने प्राणों का बलिदान दिया। और जो कोई इस प्रकार अपने देश की सुरक्षा के लिए अपना तन-मन सब कुर्बान कर देते हैं वह मर कर भी हमारे दिलों में जीवित रहते हैं।


उपसंहार

हमें भी अपने देश की खुशहाली के लिए अथक प्रयास करने चाहियें। यदि देश पर विपत्ति आती है तो हमें तन, मन, धन, से सदैव उसकी रक्षा करनी चाहिये, यही सच्चा स्वदेश प्रेम है। स्वदेश का अर्थ होता है अपना देश और अपना देश वह है जहां कोई व्यक्ति रहता है, जन्म लेता है, जहां उसका पालन-पोषण होता है। जलयान पर रहने वाले पक्षी के लिए जलयान ही उसका ‘स्वदेश’ होता है। जलयान अथाह सागर में पड़ा डोलता और लहरों का सफर करता रहता है। जहाज का पंछी उड़कर, घूमघाम कर पुनः जाहज पर आकर बसेरा करता है।


इसीलिए कहा गया है- ‘ज्यों जहाज का पंछी, उड़ पुनि जहाज पर आवे।’ जब एक पंछी की यह प्रवृत्ति है तो हम तो इन्सान हैं, हमें अपने देश से और भी अधिक प्रेम होना चाहिये। हमारा यह परम कर्त्तव्य होना चाहिये कि देश किसी आपदा में हो तो पूरे देश के नागरिक देश की आपदा को स्वयं की आपदा मानें और ऐसा हमारे देशवासियों ने पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश युद्ध के समय पर दिखाया। देश के वीर जवानों के लिए युवाओं ने अपना खून दिया तो माताओं और बहनों ने अपने शरीर के आभूषण उतारकर देश की झोली में डालकर अपने स्वदेश प्रेम की भावना से उजागर की तथा देश की सेवा की।


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स्वदेश प्रेम से संबंधित सवाल – जवाब

  1. स्वदेश प्रेम क्या होता है?
  2. स्वदेश प्रेम एक ऐसी भावना है जो किसी व्यक्ति के मन में अपने देश के प्रति उत्साह और प्रेम को जगाती है। यह उन लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण होता है जो अपने देश से दूर रहकर अन्य देशों में रहते हैं।

  3. स्वदेश प्रेम क्यों ज़रूरी है?
  4. स्वदेश प्रेम एक व्यक्ति के लिए उसके देश के विकास और समृद्धि में मददगार साबित होता है। यह उसकी नैतिक और सामाजिक ज़िम्मेदारियों को पूरा करने में भी सहायक होता है।

  5. स्वदेश प्रेम के उदाहरण क्या हैं?
  6. स्वदेश प्रेम के उदाहरण में देशभक्त व्यक्ति जैसे सुभाष चन्द्र बोस, महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल आदि शामिल होते हैं। इन व्यक्तियों ने अपने देश के लिए जीवन दिया और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया।


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