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मेरा विधालय पर निबंध – My School ka nibandh
प्रस्तावना
विद्यालय विद्वता का पवित्र स्थान होता है। इसे ‘मां सरस्वती का मन्दिर’ कहा जाता है। मैं देहरादून के एम०जी० कॉलेज में पढ़ता हूं। मेरा आदर्श विद्यालय एक कॉलोनी के मार्केट के पास स्थित है। यह शोरगुल से दूर है एवं एक ऊंची चारदीवारी से घिरा हुआ है। इस स्कूल में पचास कमरे और एक बड़ा खेल का मैदान है। जहां विभिन्न खेल खेले जाते हैं।
विद्यालय की दीवारें बाहर से कत्थई तथा अन्दर से सफेद रंग से पुती हुई हैं। स्कूल सभी कमरे बहुत खुले हुए तथा फर्नीचरयुक्त हैं। हमारे विद्यालय में फूलों की विविध किस्मों से युक्त चार बगीचे हैं।
विद्यालय की विशेषताएं
स्कूल में विज्ञान की चार प्रयोगशाला है और एक विशाल पुस्तकालय है। इस पुस्तकालय में विभिन्न विषयों की हजारों किताबें हैं। मेरी स्कूल में लगभग 2000 विद्यार्थी पढ़ते हैं यहां 50 से अधिक अध्यापक हैं जो उच्च शिक्षित है तथा अपने विषयों को अच्छी तरह से पढ़ाते हैं। मेरे स्कूल के प्रधानाचार्य का नाम श्री आनंद मिश्रा है जो स्कूल को नई बुलंदियों तक ले जाने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहते हैं। हमारे प्रधानाचार्य विद्यार्थियों को पुत्र के समान तथा शिक्षकों को मित्र के भांति मानते हैं।
बच्चों का सर्वागीण विकास
मेरे विद्यालय में पढ़ाई के अलावा बच्चों के सर्वांगीण विकास की ओर ध्यान दिया जाता है। उन्हें खेल-कूद में हिस्सा लेने, वाद-विवाद, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाता है यही वजह है कि मण्डलीय क्रीड़ा प्रतियोगिता में हमारा विद्यालय अनेक पुरस्कार और ट्राफियां हर वर्ष जीतता है।
उन ट्राफियों और शील्ड को कॉमन हॉल में, जहां शिक्षकगणों के साथ प्रधानाचार्य प्रत्येक सप्ताह मीटिंग करते हैं, वहां सजाकर रखा गया है। उस कॉमन हॉल में चित्रकला प्रतियोगिता में पुरस्कार प्राप्त की गयी, विद्यार्थियों की बनाई ड्राइंग एण्ड पेण्टिंग्स दीवारों पर शोभायमान हैं। उनकी संख्या तीस के आस-पास है।
विद्यार्थियों द्वारा बनायी वे पेण्टिंग्स विद्यालय की धरोहर और उन विद्यार्थियों की शान का प्रतीक हैं, जिनके नाम पेण्टिंग्स के नीचे अंकित हैं।
उपसंहार
मुझे अपने विद्यालय पर गर्व है। मुझे अपने विद्यालय के अनुशासन पर भी गर्व है। यद्यपि मैं क्रीड़ा प्रतियोगिता व चित्रकला में हिस्सा नहीं लेता क्योंकि मेरा स्वास्थ्य क्रीड़ा प्रतियोगिता में हिस्सा लेने योग्य नहीं, मेरी चित्रकला भी अच्छी नहीं है।
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मेरा विधालय से संबंधित सवाल – जवाब
- विद्यालय को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?
- प्रधानाचार्य को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?
- शिक्षक को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?
- स्कूल कितने प्रकार के होते हैं?
- स्कूल और कॉलेज में क्या फर्क है?
विद्यालय को अंग्रेजी में स्कूल ( School) कहते हैं।
प्रधानाचार्य को अंग्रेजी में प्रिंसिपल ( Principal ) कहते हैं।
शिक्षक को अंग्रेजी में टीचर ( Teacher ) कहते हैं।
स्कूल 4 प्रकार के होते हैं प्रीस्कूल, प्राइमरी स्कूल, मिडिल स्कूल और हाई स्कूल।
1 से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई स्कूल में होती है तथा स्नातक एवं उससे आगे की पढ़ाई कॉलेज में की जाती है।
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